सामाजिक प्राणी होने के कारण मनुष्य अकेले नहीं रह पाते, हम सब को परिवार या दोस्तों के साथ की आवश्यकता पड़ती ही है, हालाँकि कुछ व्यक्ति हमारे मध्य में ऐसे भी है, जो अकेले रहना पसंद करते है, वो हमेशा औरो से कटे कटे से, और चुपचाप से रहते है, लेकिन मनोवैज्ञानिक बतलाते है, के तन्हाई पसंद करने वाला कोई इंसान भी अधिक से अधिक कुछ सप्ताह तक ही अकेला रह सकता है, उसके बाद उस इंसान का मानसिक संतुलन खराब होना शुरू हो जाएगा, चिंता एवं अवसाद के साथ साथ उस व्यक्ति को ह्रदय घात एवं पागलपन जैसी समस्याए भी घेरना शुरू कर देंगी, किन्तु आज की विडियो एक ऐसी महिला की सच्ची कहानी है, जो कुछ दिनों या महीनो तक नहीं बल्कि अठारह वर्षो तक अकेली एक आइलैंड पर रही, सोचो उस महिला की मानसिक स्तिथि क्या होगी जब उसने अठारह वर्षो तक किसी भी इंसान का चेहरा नहीं देखा, और जब उस महिला को अठारह वर्षो के लम्बे समय के बाद आइलैंड से बचा कर लाया गया तो खुद को इंसानों से घिरे हुए पाने पर उसकी मानसिक स्तिथि में क्या बदलाव आये होंगे