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#अश्विनी नक्षत्र मे जन्म लेने वाले जातकोँ का गुण,भाग्य,नौकरी,व्यापार स्वभाव कैसा होगा।

Jyotish Siksha 33,676 lượt xem 2 years ago
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चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में
अश्विनी नक्षत्र में जन्मे जातकों का स्वभाव और
फलादेश
आज चंद्रमा नक्षत्र चक्र के पहले नक्षत्र "अश्विनी"
में गोचर कर रहा है। इस नक्षत्र का स्वामी केतु और
देवता अश्विनी कुमार है। इसका वृक्ष केला, आक और
धतूरा है। इसके चारों चरण भचक्र की पहली राशि मेष
(स्वामी मंगल) के आरंभ में पड़ते हैं इसलिए इस नक्षत्र
में जन्मे जातकों पर मंगल और केतु, दोनों का प्रभाव
पड़ता है। इसके नामाक्षर क्रमश: चू, चे, चो और ला
हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों को जन्म के
समय केतु की महादशा मिलती है। यह क्षिप्र संज्ञक और
तिर्यडमुख अर्थात् तिरछे मुख वाला नक्षत्र है। किसी भी
तरह के निर्माण का आरम्भ जैसे कि Construction,
शिक्षण, कला, निर्माण, साँझेदारी, मैत्री करने, ख़रीद
बेच, मंगलकार्य के आरम्भ इत्यादि तथा सज्जा और
आभूषण धारण या बनाने के लिए यह नक्षत्र श्रेष्ठ है।
घोड़े से सम्बंध रखने वाले लोग जैसे घुड़सवार, घोड़े
के व्यापारी आदि, वर्तमान काल में वाहन से सम्बंधित
लोग, रूपजीवी अर्थात् Fashion, Jewellery और
Modelling industry आदि दिखावे के कार्य से जुड़े
लोग जैसे Actors, Models आदि, Consultancy
और Commission के काम करने वाले लोग,
सेनापति, मंत्रणा और कृषि कार्य से जुड़े लोग तथा ऐसे
व्यवसाय इसके अंतर्गत आते हैं। इसकी आकृति घोड़े
जैसी होती है। ऐसे जातक चिकित्सा के क्षेत्र में विशेष
रूप से सफल होते हैं।
अब बात करते हैं इस नक्षत्र में जन्मे जातकों के बारेमैं... ऐसे जातक अब की ही तरह सुंदर, लम्बे, मजबूत
शरीर, चौड़ा माधा, बड़ी और चमकदार आँखें व
आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। इन्हें सज धज के रहना
पसंद होता है सो इस प्रकार थे किसी भी पार्टी में और
विपरीत लिंगी में आकर्षण का केंद्र होते हैं। ये लोग
बुद्धिमान, कार्य करने में दक्ष और बातों से सबकी राजी
रखने वाले, सुखी और सत्यवादी होते हैं। ये सलीके से
रहते हैं और अपने आत्मसम्मान का विशेष ध्यान रखते
हैं।
अश्विनी, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है थोड़ा, सौ जातक
भी घोड़े की तरह फुर्तीले और तेज चलने वाले होते हैं
(तेज चलना ना कह कर इसे लगभग भागना कहना
ज़्यादा सही होगा ये लोग ऊर्जा से भरे हुए, नेतृत्व करने
वाले, खुशमिज़ाज, बुद्धिमान और जोशीले होते हैं और
अपने इन गुणों से आस पास के लोगों और Parties
में ये चर्चा का केंद्र होते हैं। "लम्बी रेस का घोड़ा" इन्हें
ही कहा जाता है क्यूँकि ये भाई साहब छोटे मोटे काम
की बजाय बड़े काम और लक्ष्य की ओर ध्यान लगाते हैं
और उसे तय समय में पा भी लेते हैं।
एक बात और विशेष है कि ये लोग रहस्यमयी होते है
सो अपने फ्रायदे की चीज़ और काम पर ज़्यादा चर्चा ना
करके, उसे चुपचाप निपटाने में विश्वास रखते हैं। ऐसे
लोग जिद्दी स्वभाव के साथ-साथ शांत प्रवृति के भी होते
हैं और विषम स्थिति में भी संयम तथा धैर्य के साथ काम
करते हैं। ये लोग ना तो कान के कच्चे होते और ना ही
शीघ्रता से किसी के प्रभाव में आते हैं। स्वभाव से ज़िद्दी,
साहसी और सामाजिक होते हैं तथा "जियो और जीने
दो" को मानने वाले होते हैं। किसी पर अत्याचार होता
नहीं देख पाते। इन लोगों को मित्र बनाना मुश्किल होता
है लेकिन अपने मित्रों के लिए ये हमेशा तैयार रहते हैं।है लेकिन अपने मित्रों के लिए ये हमेशा तैयार रहते हैं।
इन लोगों का दायरा बहुत बड़ा और पहुँच ऊपर तक
होती है तथा बड़े लोगों के कृपा पात्र होते हैं आख़िर
घोड़ा बड़े लोगों की ही तो सवारी होता है
देवाधिदेव महादेव सबका कल्याण करें

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