जहाँ पीतल के बर्तनों पर होती है कली |रेवाड़ी के इतिहास में पीतल का अध्ययन दिल्ली के अंतिम हिन्दू राजा हेमचंद्र विक्रमादित्य उर्फ हेमू के कारण जुडा | हेमू ने रेवाड़ी में पीतल की तोपें बनवाने का काम शुरू किया था उस समय पीतल की तोपें युद्ध जीतने की गारंटी मानी जाती थी तोपों से बचे खुचे पीतल से ही यहां के ठठेरे पीतल के बर्तन बनाने लगे | राजस्थान की सीमा से सटा होने के कारण रेवाड़ी में पानी की कमी के कारण लोग पानी को भरकर रखने के लिए पीतल के बर्तन बनाने लगे उसके बाद ही यहां के बर्तन दूर-दूर तक जाने लगे
मनोज कली वाला = 9729451849
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