स्वर्गीय श्री जीवानंद देवली जी का जन्म उत्तराखंड में तहसील गैरसैण के लाटूगैर गांव में हुआ था, श्री देवली जी को गढ़वाली जागर के लिए जाना जाता है, 80 के दशक में श्री देवली जी अपनी जागर गायन शैली के लिए बहुत लोकप्रिय रहे , और आज भी उनकी जागर को भरपुर सराहा जाता है ,भले ही वे आज परमधाम सिधार चुके हैं लेकिन उनकी जागर तथा उनके मंगल गीतों के रूप में आज भी वे लोगो के बीच जीवित हैं ।।