⬇️⬇️⬇️मन्त्र ⬇️⬇️⬇️
गुर्सर गुर्सर गुरेलिल्ली गुर्सरर संकार,
गुर तन्त्र मन्त्र गुर ईसरुन्जल,
गुरबीर गुरजफान,जैही बिरबुल्से
ज्ञान देउ,बारा भगतका सेवा नचुकु,
असन मार साप मारकरु बेर बेर
बैकुण्ठ देबि,जा देबी धन सम्हार
लोना चामारी किइ लग दोहाई।।
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बिसुन बिसुन बिसवारी,
वारि नैना पाती भोग लियान,
तोर खाल्ला खन देबी खन मसान,
सिङ्हिन तुरु,बन रुधु,दसो दुवार,पौने कटार,
सुमरु गुरु पाव,जो बिद्या लगाउ,
जो बिद्या लागे,छिया चामारी कि बिद्या चट पारदे,
सुरपाटी सम्दानी जेकु लाली,जेकु पाती
येचुर केचुर जा केश,भुई सागर कि
कोईली देबी उत माझाई,कोईली देबी शिर चाह्राई,
मै लागाउ गुनके मार,यी बिद्या पुगे हमार ई पार,
अटगुर पटगुर,माता पिलगुर पटान सौरा हनुमान
जो बिद्या लगाउ,जो बिद्या होजावे सर्पुन।।।