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गोदी मीडिया से आज़ादी- चाहिए कि नहीं?

Ravish Kumar Official 2,962,714 1 year ago
Video Not Working? Fix It Now

आज का हमारा यह एपिसोड लंबा है, होना ही था। इसलिए आपसे गुज़ारिश है कि समय निकाल कर आखिर तक इसे देखें।क्योंकि इस वीडियो का रेंज ब्रिटेन, रवांडा, कश्मीर से लेकर किसान आंदोलन और मोदी दौर के नौ साल के दौरान मीडिया के दमन तक जाता है। सबका आपस में संबंध है इसलिए धीरज के साथ सुनिएगा।  इंडिया गठबंधन द्वारा 14 ऐंकरों का बहिष्कार एक ऐसा फैसला है जिसने गटर में बदल चुके गोदी मीडिया का सारा गंदा पानी सड़क पर ला दिया है। यह बहिष्कार पूरे चैनल का नहीं है। केवल उन एंकरों का है और उनके कार्यक्रमों का है। जब यह लिस्ट आई तो इन एंकरों ने अपना बचाव पत्रकारिता के उन्हीं उसूलों के सहारे करना शुरू किया जिन्हें कुचलने में ज़रा भी रहम नहीं की। जो लोग पत्रकारिता पर बेरहमी से हमला करते रहे, आज वही पत्रकारिता पर हमला का रोना रो रहे हैं। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिससे बताया जा सकता है कि 2014 के बाद से जब भी प्रेस और पत्रकारों पर हमला हुआ, इन एंकरों और इनके चैनलों ने पत्रकारों के बजाए, हमला करने वाले दल और सरकार का साथ दिया। आप और हम सभी जानते हैं कि इस देश में पत्रकारिता को कैसे बर्बाद कर दिया गया। इस पेशे में अब कोई नियम कानून ही नहीं बचा है। उसकी बुनियाद ही ध्वस्त कर दी गई है। उसकी जगह केवल दलदल बचा है। गोदी मीडिया के इस दलदल से बच कर चलिए और खुद से पूछिए कि आपको गोदी मीडिया से आज़ादी चाहिए कि नहीं चाहिए। Join this channel to get access to perks: https://www.youtube.com/channel/UC0yXUUIaPVAqZLgRjvtMftw/join Disclaimer: The owners reserve the right to any corrections that may be needed to be made to the translated subtitles. Please write to us in the comments in case of any errors. #godimedia #india #boycott #media #anchor #tvnews #supremecourt #opposition #ravishkumar

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