क्या संत रविदास सिर्फ चमार जाति के ही कुल गुरु थे या सभी जाति के लोग उन्हें अपना आदर्श मानते हैं
15 वी शताब्दी के महान सामाज सुधारक दार्शनिक संत रैदास जी का आज जन्म दिवस है जन्म दिवस के अवसर पर सामाजिक समरसता लाने का जो रैदास जी का सपना था क्या वह आज भी साकार हो रहा है या नहीं राय दास जी के समाजिक व्यवस्था के ऊपर जिस प्रकार से अपनी साक्षी के द्वारा हमला किया था क्या वह समाप्त हो गया या उसका प्रभाव वर्तमान में देखने को मिल रहा है चमार जाति जूता बनाने या सिलने के काम को जाति से जोड़कर क्यों देखता है क्या वह इसी काम में अब तक उलझा हुआ है या सामाजिक जो बंधन था उससे इतर समाजिक व्यवस्थाओं में उनका कद ऊपर हुआ है या नहीं यह सबसे बड़ी रविदास जयंती की उपलब्धि और जयंती होगी