अगर हमारे घरों में दुख कलेश और चिंता का माहौल है तो इसका सबसे बड़ा प्रभाव घर के बच्चों पर पड़ता है,
जो बचपन से ही चिंता तनाव और कुंठा के माहौल में रहना शुरू कर देते हैं, और उनका विकास रुक जाता है।
धीरे-धीरे सब कुछ प्रभावित होता है
और यह स्थिति और खराब होती चली जाती है।
लेकिन यदि हम सही दिशा में चीजों को देखकर परख कर सोचकर उसका उपाय नहीं करते तो ये दुख और तकलीफ बढती चली जाती हैं
और घर का माहौल खराब होता चला जाता है
यदि आप अपने घरों में सुखी हैं तो समा में अच्छे से रह पाएंगे और आध्यात्म की तरफ और अच्छे से बढ़ पाएंगे
महंत आनंद स्वामी
कृष्ण मंदिर गीता धाम...