Ramayana - Episode 50 - Vibhishana surrendered to Shri Ram | Shri Ram's declaration of Vibhishana as Lankapati.
अपनी माँ कैकसी से अनुमति मिलने के बाद विभीषण राम के शरणागत होने के लिये आकाश मार्ग से प्रस्थान करते हैं। सागर तट पर युद्धाभ्यास कर रहे वानरों ने विभीषण को आते देखा तो उन्हें शत्रु का दूत समझकर महाराज सुग्रीव को इसकी सूचना भेजी। सुग्रीव सागर तट पर जाकर विभीषण का परिचय और उनका मंतव्य पूछते हैं और राम तक सारी सूचना पहुँचाते हैं। सुग्रीव और उनके समस्त मंत्री रावण का भाई होने के कारण विभीषण के साथ शत्रुवत व्यवहार करने का परामर्श देते हैं लेकिन हनुमान राम को बताते हैं कि राक्षसकुल का होने पर भी विभीषण लंका में माता सीता के परम हितैषी हैं। लक्ष्मण राम से कहते हैं कि जो संकट में अपने भाई को छोड़ दे, उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। किन्तु राम का तर्क है कि हर भाई भरत और लक्ष्मण के समान निष्ठावान नहीं हो सकता। वे महर्षि कुण्डू के वचनों का उद्धरण देते हुए कहते हैं कि यदि शत्रु भी शरण में आना चाहे तो उसे निराश नहीं करना चाहिये। शरणागत का त्याग करना पाप है। राम विभीषण को लाने के लिये युवराज अंगद को भेजते हैं। विभीषण राम के समक्ष पहुँच कर बताते हैं कि उन्होने सीता को ससम्मान आपके पास पहुँचाने का परामर्श दिया तो रावण ने उन्हें देश निकाला दे दिया। विभीषण राम से उन्हें अपनी शरण में लेने की प्रार्थना करते हैं। राम विभीषण को आसन ग्रहण कराते हैं और उन्हें लंकेश कहकर सम्बोधित करते हैं। राम कहते हैं कि रावण की मृत्यु समीप है, तत्पश्चात लंका का शासन विभीषण को सम्भालना है। विभीषण को लंका की आम प्रजा की चिन्ता है। राम उन्हें वचन देते हैं कि उनकी वानर सेना आम लंकावासियों को हानि नहीं पहुँचायेगी। केवल युद्धोन्मत राक्षसों का ही नाश किया जायगा। राम अपनी छावनी में ही सागर जल से विभीषण का राज्याभिषेक करते हैं और लंका राज्य उन्हें सौंपते हैं। रावण का एक गुप्तचर शार्दूल वानर वेश में सब कुछ देखता है और सारा हाल रावण तक पहुँचाता है। रावण कुछ विचलित होता है और इसे राम की कूटनीतिक चाल कहता है। मेघनाद निश्चिन्त है कि वानर सेना समन्दर पार नहीं आ सकेगी। नाना माल्यवान मेघनाद को शत्रु से सतर्क रहने को कहते हैं। वह कहते हैं कि राम ने इसी प्रकार सुग्रीव का राज तिलक किया था और आखिरकार उसे किष्किंधा का राजा बना ही दिया। इसी प्रकार आज विभीषण का राज्याभिषेक राम के वचनबद्धता को दर्शाता है। वह कहते हैं कि राम ने विभीषण को लंकापति घोषित करके लंका की प्रजा में फूट डाल दी है। अब कई लोग विभीषण को अगला राजा मान कर रावण के प्रति निष्ठावान नहीं रह जायेंगे। माल्यवान की बातें रावण को चिन्ता में डालती हैं।
निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार
Ramayan is an Indian television series based on ancient Indian Sanskrit epic of the same name. The show was originally aired between 1987 and 1988 on DD National. It was created, written, and directed by Ramanand Sagar. The show is primarily based on Valmiki's 'Ramayan' and Tulsidas' 'Ramcharitmanas'. The series had a viewership of 82 per cent, a record high for any Indian television series. The series was re-aired during the 2020 Coronavirus lockdown and broke several viewership records globally which includes setting the record for one of the most watched TV shows ever in the world, with 77 million viewers on 16 April 2020.
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