इस वीडियो में यह बताया जा रहा है ,कि सरकारी सेवा के अधिकारी के विरुद्ध एफ आई आर हो जाने पर क्या कार्यवाही हो सकती है।
कोई भी लोकसेवक के विरुद्ध या सेवा में आने के पूर्व यदि f.i.r. है तो ऐसी स्थिति में उसके विरूद्ध कार्यवाही की जा सकती है। लोक सेवक के 48 घंटे से अधिक अरेस्ट होकर लॉकअप में होने पर उसे निलंबित किया जा सकता है।
कर्तव्यों के निर्वाहन में लापरवाही होने पर भी उसके विरुद्ध एफ आई आर हो सकती है ,एफ आई आर के बाद इन्वेस्टिगेशन के बाद यह देखा जाता है कि वास्तव में वह उन अपराधों का दोषी है या नहीं।
मामलों में जैसे धारा 376, 302 ipc आदि में उसके विरुद् मामला पंजीबद्ध होता है।
इसी प्रकार यदि कोई भी स्टूडेंट जो कोई प्रतियोगी परीक्षा दे रहा है ,और उस पर कोई मामला एफ आई आर के बाद पंजीबद्ध हो गया या non-cognizable अपराध उसके विरुद्ध पहले से लंबित है। तो ऐसे व्यक्ति को किसी भी सेवा के लिए अप्लाई करने की पूर्व सारी जानकारी सही ढंग से देना चाहिए, अन्यथा वेरीफिकेशन के समय जो कि पुलिस के द्वारा किया जाता है उसके विरुद्ध अपराध की गंभीरता को देखते हुए इस बात का उल्लेख पुलिस द्वारा वेरीफिकेशन अथवा सेवा अभिलेख में भेज दिया जाता है।
क्रिमिनल केस अपराध के लंबित होने का जिससे उसकी सेवा पर सिविल राइट्स के अधिकारों का प्रश्न है, इससे सामान्यतः नौकरी में केस लंबित रहने का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
किसी भी स्टूडेंट या सरकारी कर्मचारी अधिकारी के विरुद्ध कोई भी मामला यदि न्यायालय में लंबित है, तो उसमें वरी हो जाने के बाद उस निर्णय की प्रति के साथ अपने विभाग में अवश्य इसकी सूचना दें, जिससे आपके विरुद्ध में अनावश्यक कोई कार्यवाही नाहोवे।
आप यह एतिहाद अवश्य बरतें हैं कि जब भी आप किसी सेवा के लिए अप्लाई करें, और आपसे जानकारी मांगी जाती है, किसी भी तथ्य को छुपाए नहीं, सारी जानकारी सही सही ढंग से उल्लेखित करें ,डिटेल में जो भी सही स्थिति है, बोनाफाइड ली ,उसका उल्लेख करें ,जिससे आपके कैरियर पर कोई एडवर्स प्रभाव ना पड़े।
#सरकारी नौकरी पर f.i.r. होने का क्या असर पड़ता है।
#पैरामीटर ऑफ लॉ