MENU

Fun & Interesting

सामायिक के भावों के साथ प्रतिक्रमण | Jain Samayik Pratikraman | Arham Shri

Arham Dhyan Yog 103,517 lượt xem 3 years ago
Video Not Working? Fix It Now

ध्यान के भाव में कीर्तन - एक अद्भुत अहसास | सामायिक के भावों के साथ प्रतिक्रमण | Jain Samayik Pratikraman | Arham Shri Pranamya Sagar Ji Maharaj | अर्हं श्री प्रणम्य सागर जी महाराज | Pratikraman

"हम तो कबहूँ न निज घर आये। पर घर फिरत बहुत दिन बीते नाम अनेक धराये।
हम तो कबहुँ न निज घर आये ।।"

पर पद निजपद मानि मगन है, परपरनति लपटाये । शुद्ध बुद्ध सुखकन्द मनोहर, चेतनभाव न भाये।
हम तो कबहुँ न निज घर आये ॥

नर, पशु, देव, नरक निज जान्यौ, परजय बुद्धि लहाये। अमल, अखण्ड, अतुल, अविनाशी आतमगुन नहिं गाये।
हम तो कबहुँ न निज घर आये ॥

यह बहु भूल भई हमरी फिर, कहा काज पछताये । 'दौल' तजौ अजहूँ विषयन को, सतगुरु वचन सुहाये॥
हम तो कबहुँ न निज घर आये ॥

FOR MORE UPDATES:
Subscribe to our YouTube Channel: http://youtube.com/c/ArhamDhyanYog
Official Facebook Page: https://www.facebook.com/yoga.arham
Official Instagram Page: https://www.instagram.com/arhamdhyanyog/
Official App in Playstore: Arham Yoga

#samayikpath
#samayikvidhi
#Pratikraman
#ArhamShri
#ArhamDhyanYog

Comment