पं. चिदानंद नगरकर कृत बंदिश मोरे मन भाया श्याम छबीला । सूरत रसीला रंग रंगीला । ललकी ललकी नन्दलालनकी बन जाय लोग लुगैया । चित्र बिचित्र भेस आभुसन पहरे चित-आनंद बरखाया ॥ Tabla accompanied by Pt. Subhash Kamat.