कांडई गाँव पौड़ी गढ़वाल के जहरीखाल ब्लॉक में स्थित है।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में पलायन की कोई नहीं कहानी नहीं है। पिछले 30 सालों में पौड़ी जिले से लगातर पालयन होता गया जिससे गाँव तो खाली होते जा रहे है और खेती भी छुटती जा रही है। पौड़ी गढ़वाल सीरिज हम जहरीखाल ब्लॉक के कांडई गाँव से करने जा रहा है।
Visit Pauri | Beautiful Village कांडई गांव | पलायन से परेशान पौड़ी | Rural tales
समुद्र तल से करीब 1000 मीटर की ऊँचाई पर बसा यह गाँव जहरीखाल ब्लॉक में स्थित है।देहरादून से देवप्रयाग-सतपुली होते हुए कांडई गाँव पहुंचा जा सकता है।इस गाँव में पहले सभी प्रमुख परंपरागत फसले हुआ करती थी जिसमें जौ, माँडुवा,गेंहूँ, सरसों, चौलाई, धान, झींगोरा प्रमुख थी। इसके आलावा उड़त, सोयाबीन, गहत जैसी सभी दालों का उत्पादन भी किया जाता था।
जैसे जैसे लोगों ने पालयन किया और खेतों से हरियाली भी गायब होती गई।
कांडई गाँव मल्ला बदलपुर पट्टी में स्थित है।सतपुली से कांडई गाँव की दूरी लगभग 25 किमी है।गाँव की बहुत खेती है जिसमें अब खेती नहीं होती है। इस गाँव में किसी के पास बैल भी नहीं है। लोगों ने अब हल्दी, अदरक, प्याज़ और लहसुन थोड़े बहुत खेतों में बोना शुरू कर दिया है। जंगली जानवरों का बड़ा आतंक है। भालू, सूअर,स्योलू, बन्दर, लंगूर और मोर ने कोई भी फसल खेतों में नहीं होने दे रहे है। ये जानवर रात में आकर फसलों को बर्बाद कर देते है।
विनोद चौहान (कांडई गाँव )- 81261 09700
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