यह मेला एक दिन मनाया जाता है जो कि काहिका के आठवें दिन मनाया जाता है जिसे यहां की पहाड़ी भाषा में ठुआर कहा जाता है
24 Aug 2022
मेले में विराजमान देवी देवता:-
लरांई महादेव (सथानीय देवता)
माता खंडासनी (पार्वती) (सरसेई)
आदि गणपति गणेश (घुड़दौड़)
बाबा वीर नाथ (त्राशि दचानी)
बाबा वीर नाथ (फोजल)
अपने अपने देवालय की और प्रस्थान हुए देवी देवता:-
माता खंडासनी (पार्वती) (सरसेई)
बाबा वीर नाथ (त्राशि दचानी)
बाबा वीर नाथ (फोजल)
ठहरे हुए देवी देवता:-
लरांई महादेव (सथानीय देवता)
आदि गणपति गणेश (घुड़दौड़)