Muzffarnagar के SHUKRTAL में बन रहा करोड़ो रुपए की लागत से गुरु रविदास गुरु समनदास जी का भव्य मंदिर
सभी दर्शकों को सतनाम सतगुरु जी अखिल भारतीय संत शिरोमणि सतगुरु रविदास मिशन के अध्यक्ष व संस्थापक सतगुरु स्वामी समनदास महाराज जी की ऐतिहासिक गुरु गद्दी शुक्रताल जहां सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज 10 अगस्त 2019 को ज्योति जोत समाए उनकी गद्दी हेडक्वार्टर जिला #मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश में गुरुजी का एक विशालकाय करोड रुपए की लागत से मंदिर बन रहा है जिसका 2019 में सतगुरु स्वामी समनदास जी ने अपने कर कमलो से शिलान्यास किया था और महाराज श्री गोवर्धन दास जी को उसकी देखरेख जिम्मेदारी सौंपी थी महाराज गोवर्धनदास जी की देखरेख में मंदिर को लगभग 5 साल हो गए हैं काम चलाते हुए और एक बहुत अच्छा विशालकाय मंदिर बनने जा रहा है जिसको देखने के लिए दुनिया भर से लोगआ रहे हैं।
सतगुरु स्वामी समनदास महाराज जी के सबसे प्रिय शिष्यों में महाराज श्री गोवर्धन दास जी का सबसे आगे नाम आता है और इसीलिए स्वामी जी महाराज गोवर्धन दास जी को बड़ा प्रेम करते थे और महाराज गोवर्धन दास जी भी स्वामी जी पर न्योछावर हैं उनका समर्पण भाव है पूरा जीवन उनका गुरु की सेवा में ही लगा हुआ है दिन रात महाराज जी उसे मंदिर के लिए चिंतित रहते हैं और पूरी पूरी रात वहां बैठकर के सेवादारों से सेवा करते हैं खुद भी कार्य करने में लग जाते हैं ।
इस मंदिर को श्री इंजीनियर साहब क्षितिज ध्यानी जी के द्वारा जो है स्ट्रक्चर किया गया है उन्होंने इसको नक्शा बनाया है और उसको सतगुरु स्वामी समनदास जी ने पास किया था
सतगुरु समनदास जी के आदेश अनुसार ही यह मंदिर बनाया जा रहा है क्या आशीर्वाद से ही यह बन रहा है और मंदिर की विशेषता यह है कि मंदिर प्रबंधन कमेटी द्वारा या आश्रम के किसी भी व्यक्ति द्वारा संत द्वारा कहीं भी कोई रसीद चंद पट्टी पर्ची नहीं काटी जाती ना किसी को मांग की जाति के हमें यह दीजिए वह दीजिए जो श्रद्धालु जान खुद स्वयं अपनी इच्छा से वहां गुरु के चरणों में समर्पित करते हैं उसके आधार पर ही यह गुरु महाराज खुद अपना काम कर रहे हैं ।
खुद उनकी राजा में ही सब काम चल रहा है आश्रम में लगभग सैकड़ो लोग प्रतिदिन रहते थे और हजारों लोग दर्शन करने गुरुजी के मंदिर आते हैं जिनको रहने की खान की पूरी व्यवस्था है और 24 घंटे वहां भंडारा चलता है सतगुरु समनदास सतगुरु रविदास आश्रम में
सतगुरु स्वामी समनदास जी ने ऐसे तो भारत वर्ष में लगभग 400 के करीब आश्रमों का निर्माण कराया जो सतगुरु रविदास सतगुरु समनदास जी के नाम से स्थापित हैं सतगुरु समनदास जी महाराज जी का आध्यात्मिक संत हुए हैं जिनके नाम पर हजारों लोग सन्यास में आए और संत बने और उनके नाम पर अपना घर बार त्याग कर को जो बच्चे उनके साथ में आए थे आज वह बड़े बुजुर्ग महात्मा है बहुत लोगों की ऐसी एक लिस्ट है लंबी कि उनके नाम पर उनके शक्ति को देखकर के लोगों के प्रभाव में आए लोगों ने अपना गंदा खान पान छोड़ा वह सत्संगी बन और सत्संग के माध्यम में समाज का एक बहुत बड़ा समाज सुधार का काम किया सतगुरु समनदास ने
आज भी आने को स्टेटस में उनके दिन और रात सत्संग फरमाए जाते हैं जिसके अध्यक्षता सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज ही स्वयं होते हैं
महाराज श्री गोवर्धन दास जी के सहयोगी भी दिन रात खड़े रहते हैं जैसे के उनके प्रिय शिष्य मोनू दास जी संदीप दास जी बागेसदास जी इंद्रेशदास जी विपिन मास्टर जी सुरेंद्र ठेकेदार जी इत्यादि बहुत एक बहुत हजारों की संख्या में उनके सच्चे निष्ठावान ईमानदार सेवादार उनके साथ दिन रात खड़े रहते हैं और बहुत सारे लोगों का और सभी के सहयोग से संतो के समाज के सहयोग से मंदिर का बहुत अच्छा कार्य चल रहा है लेकिन अभी बहुत ज्यादा समय लगेगा इसको रिसर्च चल रही है अभी इसको कैसे सजाएं सवार ए जाए अभी और मेंटेनेंस और ऊपर का फिनिशिंग का कार्य है उसमें बहुत ज्यादा समय लगेगा कहीं कहीं लोग रिसर्च कर रहे हैं किस तरह से इसको सौंदर्य करण किया जाए।
क्योंकि यह मंदिर इस स्तर का बनेगा कि इसकी प्रशंसा चारों ओर हो गया अभी भी हो रही है इंजीनियर साहब का कहना है जैसे लोग अक्षरधाम मंदिर को देखने आते हैं इस तरह इस मंदिर को भी देखने आएंगे और उसको देखने में आधा पूना घंटा लगेगा कम से कम इस तरह का यह मंदिर बन रहा है
और इस मंदिर में गुरु रविदास जी की गुरु समनदास जी की गुरु ज्ञान भिक्षुक दास महाराज जी की और एक श्री गोवर्धन दास जी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
और यह मिशन सन्यासी का ब्रह्मचर्य महापुरुषों का है जिसमें सभी अपना समय दान कर रहे हैं।
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