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THE LIFE OF SWAMI VIVEKANANDA BY HIS EASTERN AND WESTERN DISCIPLES PART 2 TRIUMPHAL MARCH

RAM KRISHNA KA NAREN 38 lượt xem 19 hours ago
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नमस्कार
द लाइफ ऑफ स्वामी विवेकानंद
बाय हिज ईस्टर्न एंड वेस्टर्न डिसिपल्स
Part 2
TRAUMPHAL MARCH THROUGH CEYLON AND SOUTH INDIA
सीलोन एवं दक्षिण भारत की विजय यात्रा
एपिसोड 1
पिछले भाग में हमने सुना कि पूरी यात्रा के दौरान स्वामी विवेकानंद का मनोबल ऊँचा रहा। समुद्री यात्रा में असहज लहरों के बीच भी वे प्रतियोगिताओं में भाग लेकर उत्साह बनाए रहे। सबसे महत्वपूर्ण घटना तब घटित हुई जब स्वप्न में एक वृद्ध ऋषि-सदृश व्यक्ति प्रकट हुआ। ऋषि ने स्वप्न में उन्हें क्रेते द्वीप का दर्शन कराया और ईसाई धर्म की उत्पत्ति के सम्बन्ध में एक नए दृष्टिकोण से अवगत कराया । इस स्वप्न ने स्वामी में ऐतिहासिक संदर्भ और धार्मिक संदेह उत्पन्न किए, साथ ही उनकी आत्मचिंतन की प्रक्रिया को गहरा किया। यह अनुभव उनके अंदर भारतीय संस्कृति एवं धार्मिक स्वाभिमान की भावना को पुनर्जीवित कर गया। इस अनुभव ने नया दृष्टिकोण दिया .
इस भाग में हम सुनेंगे स्वामी विवेकानंद की भारत वापसी 1897 में एक ऐतिहासिक घटना थी। जब वह यूरोप से भारत लौटे, तो कोलंबो में उनका भव्य स्वागत हुआ। हजारों लोग उन्हें देखने और सुनने के लिए उमड़ पड़े। विशेष रूप से कोलंबो में, भारतीयों ने एक संन्यासी का जो अभूतपूर्व सम्मान किया, वह उनकी आध्यात्मिकता को दर्शाता था। बार्न्स स्ट्रीट को फूलों और नारियल के पत्तों से सजाया गया था, और उनके स्वागत में विशेष जुलूस निकाला गया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि यह स्वागत किसी व्यक्ति का नहीं, बल्कि वेदांत के सिद्धांतों की स्वीकृति थी। उनकी इस यात्रा ने भारत में आध्यात्मिक पुनर्जागरण की नींव रखी।
स्वामी विवेकानंद की अद्भुत जीवन यात्रा का हिस्सा बनने के लिए इस भाग को अंत तक सुनें।
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अब आगे की गाथा सुनते हैं,
जय स्वामी विवेकानंद

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