दोस्तों आप जानते हैं की आजादी की कितने वर्षों के बाद भी आदिवासियों के लिए इतने बड़े राज्य में देश में उनके लिए जनगणना में कॉलम नहीं है यह कोल्लम गुलाम देश में था जैसे कि ट्राइबल रिलिजन ,एनिमिज्म,एबोर्गिनल, aborjain, इस तरह का। दोस्तों आजादी के कितने वर्षों तक इनको अंधकार में धकेल दिया जा रहा है जो गलत है और इसका आंदोलन पूरे आदिवासी समाज को करना है नहीं तो इनकी अस्तित्व हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा और हम इस दुनिया में मिटाते चले जाएंगे बहुत सारे है जहां का आदिवासी लोग वहां पर खत्म हो चुके हैं और धीरे धीरे भारत के लोगों को भी आदिवासियों को भी खत्म करना चाहती है या सरकार इसीलिए जो वोटर हैं जो राजनीति करते हैं आदिवासी उनको चेतना जागना होगा और अपने हक कर अधिकार के लिए शोर से लड़ना होगा