हेपेटाइटिस मूल रूप से लीवर की बीमारी होती है जो वायरल इन्फेक्शन होने के कारण होती है। इस अवस्था में लीवर में सूजन आती है। हेपाटाइटिस को लेकर लगातार स्थिति चिंताजनक होती जा रही है।क्योकि इससे मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। हेपेटाइटिस टाइप बी और सी लाखों लोगों में क्रॉनिक बीमारी का कारण बन रहे हैं क्योंकि इनके कारण लीवर सिरोसिस और कैंसर होता है। हेपेटाइटिस 5 प्रकार के होते हैं। जैसे हेपेटाइटिस एहेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी, हेपेटाइटिस ई हेपेटाइटिस के दो अवस्था होता है एक्यूट हेपेटाइटिस, क्रॉनिक हेपेटाइटिसI हेपेटाइटिस के प्रथम अवस्था में लक्षण कुछ साफ तरह नहीं पता नहीं चलता है लेकिन क्रॉनिक अवस्था में इसके कुछ लक्षण नजर आ जाते हैं जैसे पीलिया, त्वचा और आंखों का पीला पड़ जाना, मूत्र का रंग गहरा हो जाना, अत्यधिक थकान, मतली आना और उल्टी होना, पेट दर्द और सूजन, खुजलाहट, भूख कम लगना, वज़न का घटना Iबच्चों को हेपेटाइटिस से बचाव के लिए टिका दिया जाता है।18 साल के उम्र तक और उससे वयस्क लोगों को छह से बारह महीने में तीन डोस दी जाती है, जिससे इस बीमारी से पूरी तरह से सुरक्षित रहा जा सकता हैं।
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Guest Doctors:
Dr Rakhi MaiwalI, Additional Professor of Hepatology, Institute of
Liver & Biliary Science
Dr Manoj Shamkuwar, HOD, Department of Panchakarma, Ayurved
and Unani Tibbia College and Hospital
Dr.Sudha Bala, CMO Homoeopathy, Dr.Baba Saheb Ambedkar Medical College &Hospital, New Delhi