ସମାଧି କ’ଣ ? | Samadhi kono ? | Ashtanga yoga Samadhi Kono | Sadhana22
ସାଧନାର ପ୍ରାପ୍ତି ସମାଧି | ସମାଧି ଅବସ୍ତାରେ ଭୌତିକ ବିଶ୍ୱ, ଇନ୍ଦ୍ରିୟ, ମନ ସବୁକିଛି ଚେତନାରେ ସମାହିତହୋଇଜାଇଛି | କେବଳ ଚେତନା ଅଛି | ସାଧକ ନିଜ ସ୍ଵରୁପକୁ ଚିହ୍ନୁସନ୍ତି |
समाधि शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है - सम यानी एक जैसा होना और धी जिसका मतलब है | समाधि शब्द सम और धी को मिला कर बनता है। सम है - एक जैसा, और धी है - बुद्धि। जब आप बुद्धि के एक समान स्तर पर आ जाते हैं तो यह समाधि अवस्था होती है।
ध्यान की उच्च अवस्था को समाधि कहते हैं। हिन्दू, जैन, बौद्ध तथा योगी आदि सभी धर्मों में इसका महत्व बताया गया है। जब साधक ध्येय वस्तु के ध्यान मे पूरी तरह से डूब जाता है और उसे अपने अस्तित्व का ज्ञान नहीं रहता है तो उसे समाधि कहा जाता है। पतंजलि के योगसूत्र में समाधि को आठवाँ (अन्तिम) अवस्था बताया गया है।
समाधि के बाद प्रज्ञा का उदय होता है और यही योग का अंतिम लक्ष्य है।
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