अरबपतियों की नज़रें अब अंतरिक्ष पर है. इलॉन मस्क, रिचर्ड ब्रैनसन और जेफ बेजोस ये सभी राकेट, लोग और तकनीक को चाँद सितारों तक पंहुचा रहे हैं. दुनिया भर के बाकी उद्यमी भी इस नई प्रतियोगिता में शामिल होना चाहते हैं. पर यह दौड़ जीतेगा कौन?
चीन भी अंतरिक्ष में अपनी जगह बनाना चाह रहा है. और जब नासा ने 2011 में वित्तीय कारणों से रॉकेट लॉन्च करने बंद कर दिए, तो इससे निजी कंपनियों के लिए भविष्य के एक बड़े व्यावसायिक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करने का रास्ता खुल गया, जिसमें अंतरिक्ष पर्यटन, उपग्रह संचालन और कच्चे माल की निकासी शामिल है. स्पेस एक्स, ब्लू ओरिजिन, एक्सिअम स्पेस और कई अन्य कंपनियां पहले ही इस बेहद आकर्षक अंतरिक्ष बाजार पर अपने झंडे गाड़ चुकी हैं.
चंद्रमा पर उतरने के 50 से ज़्यादा वर्षों के बाद, उद्यमशीलता का भाव और वैज्ञानिक प्रगति ने अंतरिक्ष को जीत लेने के मानव जाति के सपने को फिर से जगा दिया है. पराए ग्रह पर डिज़ाइन होटल बनाने के बारे में सोचा जा रहा है, अंतरिक्ष में कच्चे माल के खनन के लिए परीक्षण चल रहे हैं। लेकिन सरकारों द्वारा प्रायोजित अंतरिक्ष अन्वेषण अभी भी अपरिहार्य हैं.
विज्ञान संबंधी इस डाक्युमेंट्री "अंतरिक्ष में नई होड़" के निर्माताओं को सिसिली में एटना पर्वत पर स्थित जर्मन एयरोस्पेस सेंटर के मून-एनालॉग मिशन "आर्चेस" में जाने का मौका मिला. चंद्रमा की सतह जैसे इस विकल्प का इस्तेमाल कर, अनुसंधान दल के सदस्य रोबोट की मदद से समानव अंतरिक्ष यात्रा का अभ्यास करते हैं. यह बहुत साफ है कि अगर एक दिन इंसान को अन्य ग्रहों पर जाना है, तो इस तरह की वैज्ञानिक कोशिशों का कामयाब होना बहुत ज़रूरी है. ये भी स्पष्ट है कि अंतरिक्ष की दौड़ शुरू हो चुकी है.
#DWDocumentaryहिन्दी #DWहिन्दी #nasa #space #jeffbezos #nasa #chandrayaan3
----------------------------------------------
अगर आपको वीडियो पसंद आया और आगे भी ऐसी दिलचस्प वीडियो देखना चाहते हैं तो हमें सब्सक्राइब करना मत भूलिए.
विज्ञान, तकनीक, सेहत और पर्यावरण से जुड़े वीडियो देखने के लिए हमारे चैनल DW हिन्दी को फॉलो करे: @dwhindi
और डॉयचे वेले की सोशल मीडिया नेटिकेट नीतियों को यहां पढ़ें: https://p.dw.com/p/MF1G