रामदेव का बयान माफ़ी के लायक़ नहीं: कोर्ट
शर्बत जिहाद जैसे शर्मनाक बयान देने वाले रामदेव को दिल्ली हाई कोर्ट से डांट पड़ी है। कोर्ट ने कहा है कि उनका बयान अदालत की अंतरात्मा को भी चोट पहुंचाता है और इसका बचाव नहीं किया जा सकता है। क्या रामदेव को अपने शर्बत में इतना भी भरोसा नहीं कि वो उसे बिना नफ़रत फैलाए बेच सकें? ऐसी साम्प्रदायिक सोच से आख़िर किसका फ़ायदा हो रहा है? कोर्ट की डांट का असर यह हुआ है कि रामदेव अपना वीडियो हटाने को राज़ी हो गए मगर धर्म के नाम पर नफ़रत के कारोबार को पर कोई असर पड़ेगा?
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