23 March, 2019:ट्यूबरक्लोसिस जिसे टीबी या क्षय रोग कहा जाता है, एक खतरनाक बीमारी है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसकी पहचान आसानी से नहीं हो पाती इसलिए इसके लक्षणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। टीबी दरअसल, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस से फैलती है जो हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है।
टीबी हमारे फेफड़ों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों में फैलता है, जैसे हड्डी, हड्डी के जोड़, लिम्फ ग्रंथियां, आंत, मूत्र और प्रजनन तंत्र के अंग,त्वचा और मस्तिष्क के ऊपर की झिल्ली आदि।
ये जीवाणु दूषित पानी और मिट्टी में पाए जाते हैं। ये हवा के जरिए एक इंसान से दूसरे में फैलते है। टी.बी. के बैक्टीरिया सांस से शरीर में प्रवेश करते हैं। किसी रोगी के खांसने, छींकने,बात करने और थूकते समय बलगम की छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जो बैक्टीरिया दूसरों के शरीर में पहुंच कर प्रभावित करते हैं।
टीबी आनुवांशिक नहीं बल्कि एक संक्रामक रोग है। इसकी चपेट में आने वाला व्यक्ति धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है। टीबी सबसे पहले फेफड़ों को प्रभावित करती है। लेकिन टीबी के कीटाणु ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी आदि शरीर के अन्य हिस्सों को भी अपना शिकार बनाता है।
दो हफ्तों से ज्यादा खांसी होना टीबी के आम लक्षणों में से एक है साथ ही इसमें तेज बुखार होना, खांसी के साथ खुन आना, भूख कम लगना, वजन कम होना, सर्दी में पसीना आना,सांस फुलना, सांस लेते समय सीने में दर्द आदि टीबी के लक्षण हो सकते है। और कई बार इसके लक्षण साइलेंट भी होते हैं।
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Guest-
Dr. Rohit Sarin, Director, National Institute of TB and Respiratory Diseases
Dr. Renu Mittal, Scientist, Central Council for Research in Homeopathy
Dr. Adarsh Kumar, Asst Director, Scientist, CCRA
Anchor- Preeti Singh