साल 1842. ब्रिटिश साम्राज्यवाद का विस्तार अपने चरम पर था और भारत में बग़ावत की चिंगारी भड़कने में अभी देर थी. लिहाज़ा भारत अंग्रेज अधिकारियों के लिए किसी ऐश-गाह से कम नहीं था. उसी दौर में एक ऐसा अंग्रेज अधिकारी भी भारत पहुंचा जो अपनी ही देश की सेना से बचता-बचाता यहां आया था. ये अधिकारी यूं तो ख़ुद भी ब्रिटिश सेना का हिस्सा था लेकिन अफ़ग़ान युद्ध में कुछ ऐसा हुआ था कि इसे अपनी ही सेना छोड़ कर भागने पर मजबूर होना पड़ा. अपनी जान बचाते हुए जब ये अंग्रेज भारत के हिमालयी इलाकों में दाखिल हो रहा था तो उसने ख़ुद भी नहीं सोचा था कि कुछ ही समय बाद वो इस पूरे क्षेत्र पर एक छत्र राज करेगा, उसकी अपनी मुद्रा होगी और उसके नाम का यहां सिक्का चलेगा, वो पहाड़ के इस भूभाग में बसे लोगों की जिंदगियाँ बदल कर रख देगा और एक फ़िरंगी होने के बावजूद भी गढ़वाल के किसी राजा की तरह अपना शासन चलाएगा, अपना साम्राज्य बनाएगा, ‘गढ़वाल का फ़िरंगी राजा’ और ‘किंग ऑफ़ हर्षिल’ जैसी उपाधि हासिल कर लेगा. इस अंग्रेज का नाम था फ़्रेड्रिक विल्सन जिसे पहाड़ के लोगों ने हुलसन साहिब और हुल सिंह साहब के नाम से भी जाना.
Mystery Solved | किसने बनवाई थी गरतांग गली : https://youtu.be/z3gQMNVgxNQ?si=dUi4mJ74HwK8zShG
Join this channel to support baramasa:
https://www.youtube.com/channel/UCDS6KTslJBT0mPSbWtfZNYg/join
बारामासा को फ़ॉलो करें:
Facebook: https://www.facebook.com/baramasa.in
Instagram: https://www.instagram.com/baramasa.in/
Twitter: https://twitter.com/baramasa_in